बहादुरगढ। बडे-बडे तीर्थोपर जाकर और धर्म स्थानों में अन्न क्षेत्र भंडारे के आयोजन से हर अमीर-गरीब को भगवान का प्रसाद भोजन के रूप में मिलता है। यह उद्गार गरीबदासीय पीठाधीश्वर महंत दयासागर ने छतरी साहिब छुडानी धाम में गरीबदासीय निर्वाण पर्व के अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को कहे। इस अवसर पर बृहस्पतिवार को भंडारे का भी आयोजन किया गया।
उन्होंने श्रद्धालुओं को गरीबदास साहिब की वाणी में से राग कल्याण का शब्द नाम निरंजन नीका संतों, नाम निरंजन नीका सुनाया, जिसको सुनकर भक्त झूम उठे। उन्होंने कहा कि भगवान तीर्थ स्थानों पर यात्रा करने से ही खुश नहीं होते बल्कि अन्न के दान करने से खुश होते हैं। इसलिए भगवान को खुश करने के लिए मनुष्य को दान करना चाहिए दान करने से पुण्य प्राप्त होता है। इसके बाद भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, दिल्ली राजस्थान व पंजाब से भारी संख्या में भक्तों ने भाग लिया। इस मौके पर स्वामी विद्यानंद, भूरीवालो के गद्दीनशीन स्वामी चेतनानंद, वेदांताचार्य, महंत रतनदास (मध्य प्रदेश), गुजरात के सुखमणि तथा संस्था के पदाधिकारी जयप्रकाश ने छुडानी धाम की सेवा हेतु भक्तों को आजीवन प्रेरणा दी। |